पुणे के वडगांव शेरी और खराड़ी में हाल ही में पानी की भारी किल्लत देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण water diversion यानी जल आपूर्ति का अवैध डायवर्जन बताया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि रोजाना करीब 1.5 लाख लीटर पानी दूसरी जगहों पर डायवर्ट किया जा रहा है, जिससे इन इलाकों में पानी की कमी हो गई है।-Pune Water Crisis
अवैध जल डायवर्जन का खुलासा
सोशल एक्टिविस्ट संकेत गालांडे के अनुसार, Ghorpadi और Tadigutta इलाकों में पानी की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए वडगांव शेरी और खराड़ी के पानी को अवैध रूप से डायवर्ट किया जा रहा है। पानी की आपूर्ति को नियंत्रित करने वाले valve operators रात के समय वाल्व को इस तरह सेट कर देते हैं कि वडगांव शेरी और खराड़ी के टैंक पूरी तरह भर ही नहीं पाते।
प्रशासन की अनदेखी और नागरिकों का आक्रोश
इस मुद्दे पर जब PMC (Pune Municipal Corporation) के जल आपूर्ति विभाग से संपर्क किया गया, तो उन्होंने इस समस्या पर ध्यान देने का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर 23 मार्च तक अवैध वाल्व बंद नहीं किए गए तो hunger strike की जाएगी।
Bhama Askhed Dam की समस्या-Pune Water Crisis
इस जल संकट को और बढ़ाने वाली एक और घटना हाल ही में घटी, जब Bhama Askhed Dam के jackwell में cable burn होने से पानी की सप्लाई बाधित हो गई। इससे वडगांव शेरी और आसपास के इलाकों में कई दिनों तक पानी की भारी कमी रही।
नागरिकों की मांग
- अवैध जल डायवर्जन को तुरंत रोका जाए।
- जल आपूर्ति विभाग दोषी ऑपरेटर्स के खिलाफ कार्रवाई करे।
- वडगांव शेरी और खराड़ी की पानी सप्लाई सुचारू रूप से बहाल की जाए।
- Bhama Askhed Dam से पानी की आपूर्ति में सुधार किया जाए।
निष्कर्ष
वडगांव शेरी और खराड़ी के नागरिकों को उनके हिस्से का पानी नहीं मिलना एक गंभीर समस्या है। अगर प्रशासन जल्द ही इस मुद्दे का हल नहीं निकालता, तो यह संकट और गहरा सकता है। नागरिकों का कहना है कि अगर PMC ने कोई कदम नहीं उठाया, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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