प्याज, जो भारतीय घरों में एक मुख्य खाद्य पदार्थ है, खाद्य कीमतों और मुद्रास्फीति की प्रवृत्तियों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव का प्रभाव उपभोक्ताओं, व्यापारियों और किसानों पर समान रूप से पड़ता है। 5 मार्च 2025 तक, भारत के विभिन्न राज्यों में प्याज की कीमतों में काफी भिन्नता देखी गई है, जो मौसमी आपूर्ति, परिवहन लागत, मौसम की स्थिति और मांग-आपूर्ति जैसे कारकों पर निर्भर करता है।
State-Wise Onion Prices (Per Quintal)
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | न्यूनतम मूल्य (₹) | अधिकतम मूल्य (₹) |
अंडमान और निकोबार | 4,000 | 4,500 |
आंध्र प्रदेश | 3,200 | 3,800 |
असम | 2,900 | 3,400 |
बिहार | 2,800 | 3,300 |
चंडीगढ़ | 2,500 | 3,000 |
छत्तीसगढ़ | 3,300 | 3,800 |
दिल्ली (NCT) | 2,700 | 3,200 |
गोवा | 2,500 | 3,000 |
गुजरात | 605 | 1,200 |
हरियाणा | 1,500 | 2,000 |
हिमाचल प्रदेश | 1,800 | 2,500 |
जम्मू और कश्मीर | 3,400 | 4,000 |
कर्नाटक | 1,750 | 2,300 |
केरल | 3,700 | 4,200 |
मध्य प्रदेश | 950 | 1,500 |
महाराष्ट्र | 600 | 1,200 |
मणिपुर | 2,750 | 3,300 |
मेघालय | 3,300 | 3,800 |
नागालैंड | 3,000 | 3,500 |
ओडिशा | 3,000 | 3,500 |
पंजाब | 2,200 | 2,800 |
राजस्थान | 2,100 | 2,700 |
तमिलनाडु | 2,750 | 3,300 |
तेलंगाना | 1,400 | 1,900 |
त्रिपुरा | 2,100 | 2,700 |
उत्तर प्रदेश | 1,650 | 2,300 |
उत्तराखंड | 2,000 | 2,600 |
पश्चिम बंगाल | 1,200 | 1,800 |
प्याज की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
- Seasonal Production: प्याज की कीमतें फसल चक्रों के आधार पर बदलती हैं, जहां अधिक उत्पादन के दौरान कीमतें कम होती हैं और ऑफ-सीजन में बढ़ जाती हैं।
- Weather Conditions: असमय बारिश, सूखा या बाढ़ से फसल प्रभावित होती है, जिससे आपूर्ति में कमी और कीमतों में बढ़ोतरी होती है।
- Storage और Transportation: उचित भंडारण सुविधाएं और परिवहन अवसंरचना मूल्य स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन सुविधाओं की कमी से बर्बादी और उच्च लागत होती है।
- Government Policies: निर्यात प्रतिबंध, आयात में ढील और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्याज की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
- Global Demand and Supply: अंतरराष्ट्रीय मांग और व्यापार नीतियां भारत में प्याज की कीमतों को प्रभावित करती हैं, विशेष रूप से उन राज्यों में जो प्याज का थोक निर्यात करते हैं।
उपभोक्ताओं और किसानों पर प्रभाव
- उपभोक्ताओं के लिए: प्याज की ऊंची कीमतें घरेलू बजट पर प्रभाव डालती हैं, जिससे खाद्य आदतों और मुद्रास्फीति दर पर असर पड़ता है।
- किसानों के लिए: ऊंची कीमतें किसानों को बेहतर लाभ प्रदान कर सकती हैं, लेकिन अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव के कारण खेती की योजना बनाना मुश्किल हो जाता है।
Conclusion
भारत में प्याज का बाजार गतिशील है और कई कारकों से प्रभावित होता है। मूल्य प्रवृत्तियों की निगरानी और प्रभावी कृषि नीतियों को लागू करके इन उतार-चढ़ाव को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे उपभोक्ताओं और किसानों दोनों को लाभ मिल सके। नवीनतम अपडेट के लिए सरकारी रिपोर्टों और स्थानीय बाजार प्रवृत्तियों पर ध्यान देना उचित होगा।
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