पुणे जिले के मावल तहसील के तलेगांव दाभाडे इलाके में रविवार को एक भीषण हादसा हुआ, जब Kundmala Bridge Collapse की घटना सामने आई। यह पुल इंद्रायणी नदी पर बना हुआ था, जिसे तीन महीने पहले ही ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बावजूद, रविवार को भारी बारिश और नदी में तेज़ बहाव देखने बड़ी संख्या में लोग पुल पर जमा हो गए और अचानक ही पुल का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया।
हादसा कैसे हुआ? | Kundmala Bridge Collapse Details
स्थानीय लोगों के अनुसार, Kundmala Bridge को प्रशासन ने तीन महीने पहले जर्जर स्थिति के कारण बंद किया था। हालांकि पुल को पूरी तरह सील नहीं किया गया था, जिससे रविवार को बड़ी संख्या में लोग तेज़ पानी का बहाव देखने पुल पर पहुंच गए।
तेज़ बहाव और कमजोर स्ट्रक्चर के कारण ब्रिज का हिस्सा अचानक ढह गया। इस हादसे में लगभग 25-30 लोगों के बहने की आशंका जताई जा रही है। घटनास्थल पर भारी चीख-पुकार मच गई और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
इंद्रायणी नदी में बढ़ा जलस्तर
इस सप्ताह महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से पुणे जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था। मावल तहसील में भुशी डैम, लोनावाला जैसे प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट पहले ही बंद कर दिए गए थे। Indrayani River में पानी का बहाव बहुत तेज हो गया था, जिसे देखने के लिए लोग कुंडमाला ब्रिज पर जमा हो गए।
मौके पर पहुंची राहत टीमें
हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस, फायर ब्रिगेड और NDRF (नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गईं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। नदी में राफ्टिंग बोट्स के माध्यम से बचाव कार्य चल रहा है, जबकि हेलिकॉप्टर की भी मांग की गई है।
हादसे में लापता लोगों की तलाश
स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक कई लोगों की पहचान नहीं हो सकी है और बचाव कार्य जारी है। पुल पर मौजूद कुछ लोग बच निकलने में कामयाब रहे, जबकि कई अन्य बह गए। घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा है और परिजन अपनों की तलाश में परेशान हैं।
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यदि Kundmala Bridge को पूरी तरह से सील कर दिया गया होता या उचित सुरक्षा व्यवस्था होती, तो यह हादसा टाला जा सकता था।
मुख्यमंत्री का बयान और जांच के आदेश
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है और घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया है। इसके साथ ही, सरकार ने कहा है कि भविष्य में ऐसी संरचनाओं की समय-समय पर जांच और सख्त निगरानी की जाएगी।
कुंडमाला पुल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
Kundmala Bridge एक पुराना लोहे का पुल था, जिसे ब्रिटिश काल में बनाया गया था। यह पुल तलेगांव को आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ता था। समय के साथ इसकी स्थिति खराब हो गई थी, और तकनीकी रिपोर्टों में इसे “खतरनाक” घोषित किया गया था।
निष्कर्ष
Kundmala Bridge Collapse एक दुखद और चौंकाने वाला हादसा है, जो प्रशासनिक लापरवाही और अनदेखी का परिणाम माना जा रहा है। यह घटना एक चेतावनी है कि पुरानी संरचनाओं की नियमित जांच, मरम्मत और पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था समय रहते जरूरी है। उम्मीद है कि प्रशासन इससे सीख लेकर भविष्य में ज़िम्मेदारी से काम करेगा।