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पल्स और कपास उत्पादन बढ़ाने की नवीनतम सरकारी योजनाएँ: आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम

पल्स और कपास उत्पादन बढ़ाने की नवीनतम सरकारी योजनाएँ: आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम

पल्स और कपास उत्पादन बढ़ाने की नवीनतम सरकारी योजनाएँ: आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम

भारत सरकार ने 2025 में पल्स (दालों) और कपास के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ शुरू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य देश को आत्मनिर्भर बनाना, किसानों की आय में वृद्धि करना और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में मजबूती प्रदान करना है। आइए, इन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 6 वर्षीय मिशन

भारत अपनी बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए दालों का बड़ा हिस्सा आयात करता है। इस आयात को कम करने और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए, सरकार ने 2029-30 तक एक 6 वर्षीय योजना शुरू की है।

मुख्य विशेषताएँ:

इस योजना के तहत, सरकार आयात पर निर्भरता को कम करने और देश में ही उच्च गुणवत्ता की दालों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न राज्यों में कृषि अनुसंधान केंद्रों के साथ मिलकर काम कर रही है।

कपास उत्पादन के लिए 5 वर्षीय मिशन

कपास भारतीय कृषि और कपड़ा उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है। लेकिन हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन और कीट संक्रमण के कारण कपास की पैदावार प्रभावित हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 5 वर्षीय ‘मिशन फॉर कॉटन प्रोडक्टिविटी’ की शुरुआत की है।

इस मिशन की प्रमुख बातें:

सरकार द्वारा अन्य महत्वपूर्ण पहलें

  1. किसानों को वित्तीय सहायता: कृषि ऋण सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया है, जिससे किसानों को बेहतर बीज, उर्वरक और आधुनिक उपकरण खरीदने में मदद मिलेगी।
  2. उन्नत बीजों का विकास: सरकार एक राष्ट्रीय मिशन शुरू कर रही है, जिसके तहत अधिक उत्पादन देने वाले बीज विकसित किए जाएंगे। इससे कम भूमि में अधिक उपज संभव होगी।
  3. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ावा: सरकार दालों और कपास के लिए एमएसपी सुनिश्चित कर रही है ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके और वे अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित हों।

कृषि क्षेत्र के लिए इन योजनाओं का महत्व

 

निष्कर्ष

सरकार की ये योजनाएँ भारतीय कृषि क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत कर रही हैं। दालों और कपास के उत्पादन को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक तकनीकों, वित्तीय सहायता और सरकारी समर्थन का यह संगम किसानों को सशक्त बनाएगा और देश को खाद्य सुरक्षा तथा औद्योगिक मजबूती प्रदान करेगा। किसानों को चाहिए कि वे इन योजनाओं का पूरा लाभ उठाएँ और देश की आर्थिक उन्नति में योगदान दें।

 

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