भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी Tuhin Kanta Pandey को Securities and Exchange Board of India (SEBI) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे इस पद पर माधबी पुरी बुच का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 1 मार्च 2025 को समाप्त हो रहा है। Tuhin Kanta Pandey की नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए की गई है।
Tuhin Kanta Pandey: एक Experienced Administrator
Tuhin Kanta Pandey 1987 बैच के ओडिशा कैडर के IAS अधिकारी हैं। उन्होंने Government Sector में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उनकी पहचान एक कुशल Financial Planner के रूप में की जाती है। इससे पहले वे वित्त और राजस्व सचिव के पद पर कार्यरत थे और Department of Investment and Public Asset Management (DIPAM) के सचिव के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने Air India के Privatization में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो भारतीय आर्थिक सुधारों का एक ऐतिहासिक कदम माना जाता है।
माधबी पुरी बुच का योगदान
माधबी पुरी बुच SEBI की पहली महिला अध्यक्ष थीं और उनके कार्यकाल में कई बड़े बदलाव हुए। उन्होंने Derivatives Market के लिए कड़े नियम लागू किए और Corporate Disclosure को और अधिक Transparent बनाया। इसके अलावा, उनके कार्यकाल में SEBI को Adani Group से जुड़े विवादों का सामना करना पड़ा, जिसे Hindenburg Research की रिपोर्ट के बाद काफी सुर्खियां मिलीं। हालांकि, उन्होंने हमेशा Fair Investigation और Transparency पर जोर दिया।
SEBI की नई चुनौतियां
Tuhin Kanta Pandey के सामने कई Challenges होंगी। भारतीय Financial Market में New Investors की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में SEBI को Market को अधिक Secure और Transparent बनाना होगा। इसके अलावा, Digital Transactions और Fintech Companies के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए नई Policies बनानी होंगी।
नए SEBI अध्यक्ष से क्या उम्मीदें हैं?
- Investors की Security – Stock Market में Fraud से बचाव के लिए Strict Rules लागू करना।
- Innovation को बढ़ावा – नए Financial Products और Digital Platforms को Regulate करना।
- Corporate Governance – Companies के Transparent Operation को सुनिश्चित करना।
- Foreign Investment को बढ़ाने के लिए नए Rules लागू करना।
Tuhin Kanta Pandey की नियुक्ति के साथ ही Financial Market में नई उम्मीदें और संभावनाएं जगी हैं। उनकी Administrative Efficiency और Financial Understanding से SEBI को और अधिक Effective और Strong बनाने में मदद मिलेगी। सभी की निगाहें अब उनके Decisions पर टिकी हैं, जो Indian Financial Sector को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।